
भारत व पाक के मध्य शांति निर्माण के अहम मुद्दों पर प्रोफे. इश्तियाक अहमद का व्याख्यान
गुरूवार, 21 मार्च, 2024 को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से शाम 4.30 बजे “भारत और पाकिस्तान के बीच शांति निर्माण: एक विचारणीय और अहम मुद्दा” विषय पर सुप्रसिद्ध विचारक और लेखक प्रोफे. इश्तियाक अहमद का व्याख्यान आयोजित किया गया।उनके साथ बातचीत व विमर्श का संचालन डॉ. संजीव चोपड़ा ने किया।
इस बातचीत में भारत-पाक स्थिति के कई व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें उन मुद्दों और हितधारकों को शामिल किया गया।जिसके कारण भारत का विभाजन हुआ, जिसमें दोनों तरफ के पंजाब के अनुभव, बीच के वर्षों के इतिहास और दोनों तरफ शांति की खोज के अवसरों और लाभों पर एक स्पष्ट नजर डालने का यत्न किया गया। जो शांति प्रक्रियाओं को आगे बढ़ने में अवरोध पैदा करते हैं।
प्रोफे. अहमद के पास उपनिवेशवादियों, उपनिवेशित और वर्तमान विषय आबादी के विभिन्न दृष्टिकोणों से विभाजन, पलायन, हानि, पुनर्वास और जीवन और आजीविका की बहाली के सभी पहलुओं पर एक सटीक दृष्टि है। विभाजन और प्रवासन के कारणों और परिणामों के बारे में उनका दृष्टिकोण किसी अन्य से अलग नहीं है, क्योंकि इतिहास के प्रति उनका नज़रिया एक राजनीतिक वैज्ञानिक के रूप में है।
यह देखते हुए कि प्रोफे. अहमद की विशेषज्ञता मोहम्मद जिन्ना के जीवन को भी आवृत करती है,इस वजह से पाकिस्तान के पहले प्रीमियर पर उनकी उत्कृष्ट पुस्तक के कुछ पहलुओं पर भी चर्चा की गयी।
प्रोफे. अहमद ने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें से कुछ हैं: द पंजाब: ब्लडिड, पार्टीशनड एंड क्लीन्ज़्ड, द पाकिस्तान गैरीसन स्टेट: ओरिजिन्स, इवोल्यूशन, कॉन्सिक्वेंसेज (1947-2011), जिन्ना: हिज सक्सेसेज, फेल्योर्स एंड रोल और प्री-पार्टिशन पंजाब्स कंट्रीब्यूशन भारतीय सिनेमा के लिए ये सभी एक जिज्ञासु राजनीतिक वैज्ञानिक के अनुशासन के साथ लिखे गए हैं, और उनके व्यापक व्यक्तिगत और अनुभवजन्य कार्यों के साथ उनके सूक्ष्म शोध को देखते हुए लिखे गए हैं। उनकी यह बातचीत लोगों के मध्य बेहद सटीक रही।
उल्लेखनीय है कि प्रोफे. इश्तियाक अहमद एक स्वीडिश राजनीतिक वैज्ञानिक और पाकिस्तानी मूल के लेखक हैं। उन्होंने स्टॉकहोम विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी प्राप्त की, जहां वह वर्तमान में वे प्रोफेसर एमेरिटस हैं, 2010 में सेवानिवृत्त हुए। 2015-2019 के दौरान वह गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी, लाहौर में विजिटिंग प्रोफेसर थे, और 2013-2015 में वह विजिटिंग प्रोफेसर थे। लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज (एलयूएमएस)। डॉ. इश्तियाक अहमद सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान (आईएसएएस) के मानद वरिष्ठ फेलो हैं और संस्थान में विजिटिंग रिसर्च प्रोफेसर थे।डॉ. इश्तियाक अहमद का जन्म 1947 में लाहौर, पाकिस्तान में हुआ था।
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के अध्यक्ष प्रो.बी.के.जोशी ने डॉ. इश्तियाक अहमद और सभी उपस्थित लोगों का हार्दिक अभिनन्दन किया। कार्यक्रम का संचालन गांधीवादी विचारक बिजू नेगी ने किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद निकलोस हॉफ़लैंड ने दिया। बातचीत के बाद प्रश्नोत्तर का एक छोटा सा सत्र भी रखा गया। जिसमें लोगों ने कई सवाल-जबाब भी किये।
इस अवसर पर अनेक बुद्धिजीवियों, राजनीतिक विचारक, लेखक,साहित्यिक जगत से जुड़े लोगों व पाठकों के बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।