स्त्री केन्द्रित कविताओं का पाठ

स्त्री केन्द्रित कविताओं का पाठ

उत्तरजन साहित्य संवाद और दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेन्टर के संयुक्त तत्वावधान में 16 अप्रैल, 2023 को अपराह्न 3.30 बजे से दून लाइब्रेरी के सभागार में उनकी कुछ चुनिंदा स्त्री केन्द्रित कविताओं के पाठ का आयोजन किया गया । इसकी पहल कुछ छात्राओं ने की । आयोजन के मुख्य अतिथि समकालीन हिन्दी कविता के वरिष्ठ और महत्वपूर्ण हस्ताक्षर राजेश सकलानी थे। अध्यक्षता साहित्य और दर्शन के अध्येता प्रोफेसर धीरेन्द्रनाथ तिवारी, विभागाध्यक्ष, शहीद दुर्गामल्ल पीजी कालेज, डोईवाला के हिन्दी विभागाध्यक्ष ने की। साहित्य और विज्ञान की मर्मज्ञ विदुषी श्रीमती कमला पन्त पूर्व उपनिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड उनकी कविताओं पर वक्तव्य दिया।

उल्लेखनीय है कि कवि लोकेश नवानी एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। वे पिछले 40 वर्षो से विभिन्न सामाजिक गतिविधियों से जुड़े हैं। लेकिन उनका एक रूप यह भी है कि वे नई चेतना, दृष्टि और नए विश्वास के कवि भी हैं। बहुत ही संवेदनशील कवि! उन्होंने महिला चेतना के अनेक गीत और कविताएँ लिखी हैं। उनमें एक लयात्मकता भी है। उत्तराखण्ड आन्दोलन के दौरान उनके कुछ कविता पोस्टर: ‘केन्द्र ने क्या हमें दिया, सारा हिमालय खाली किया’, कायर, ‘हमारे हिस्से का लोकतंत्र’ और ‘बोलना चाहती है औरत’ तथा ‘पृथ्वी के भीतर दूसरी पृथ्वी’ भी प्रकाशित हुए। लेकिन एक रचनाकार के रूप में उन्हें बहुत ही कम जाना और सुना गया। उनका स्त्री को परिभाषित करने का अपना नजरिया है। उनकी कविताएं स्त्री विमर्श की कविताएँ हैं ।

उत्तरजन साहित्य संवाद समकालीन साहित्य पर एक नियमित संवाद के लिए यत्नशील है। हमारा उद्देश्य रचनात्मक प्रवृत्तियों के साथ ही जनपक्षीय सांस्कृतिक चेतना के प्रसार को बढ़ावा देना भी है। इस मौके पर कई साहित्यकार, लेखक व युवा लोग मौजूद रहे।