सितार कलाकार रॉबिन कर्माकर की शानदार प्रस्तुति ने श्रोताओं का मन मोहा

सितार कलाकार रॉबिन कर्माकर की शानदार प्रस्तुति ने श्रोताओं का मन मोहा

देहरादून, 28 अप्रैल 2024। आज सायं दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से संस्थान के सभागार में सितार वादन की एक संध्या का आयोजन किया गया जिसमें आकाशवाणी के सितार के ‘ए’ ग्रेड कलाकार श्री रॉबिन करमाकर ने अपने शानदार सितार वादन से उपस्थित लोगों और संगीत परसिकों का मन मोह लिया। इनके साथ आकाशवाणी के ‘बी’ हाई ग्रेड कलाकार श्री प्रदीप्त डे ने तबले पर संगत की।
उल्लेखनीय है कि दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र द्वारा समय-समय पर पुस्तक वाचन और चर्चा, वृत्तचित्र फिल्म, लोक परंपराओं और लोक कलाओं, इतिहास, सामाजिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित कार्यक्रमों के साथ ही शास्त्रीय संगीत से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां दी जाती रहती हैं। इसी क्रम में सितार वादन का यह विशेष आयोजन था।
अपनी प्रस्तुति से पूर्व श्री रॉबिन कर्माकर ने सितार के घरानों के वैशिष्ट्य के विषय में जानकारी दी तथा वादन के माध्यम से इनके बीच के अन्तर को स्पष्ट किया। श्री रॉबिन ने सितार पर राग मारवा में आलाप और जोड़ के पश्चात दो बंदिशें कमशः मसीत खानी (विलम्बित तीन ताल) तथा रजाखानी (दुत तीन ताल) प्रस्तुत की। इस अवसर पर श्री रॉबिन ने उपस्थित संगीत प्रमियों और संगीत के विद्यार्थियों से परस्पर संवाद किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। प्रसिद्ध तबला वादक श्री प्रदीप्त डे ने भी इस अवसर पर विद्यार्थियों को तबले की बारीकियों से अवगत कराया। श्री रॉबिन कर्माकर ने अपने कार्यकम का समापन सितार पर मीरा के प्रिय भजन ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो’ और लोक संगीतकार स्व. श्री केशव अनुरागी के लोकप्रिय गढ़वाली गीत ‘ह्यू चली डांडियों की चली की’ धुन से किया। प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के निकोलस हॉफ़लैंड ने अतिथि कलाकारों व सभागार में उपस्थित संगीत प्रेमियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी देहरादून केंद्र के सहायक निदेशक श्री अनिल भारती ने किया।
इस अवसर पर दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी,आकाशवाणी के पूर्व निदेशक श्री विभूति भूषण भट्ट, लोक संगीतकार रामचरण जुयाल, साहित्यकार भारती पांडे, अभि नंदा, दुर्गेश भट्ट, जगदीश बाबला, सुंदर सिंह बिष्ट सहित बड़ी संख्या में शास्त्रीय संगीत व अन्य संगीत प्रेमी, बुद्धिजीवी,लेखक,साहित्यकार और पुस्तकालय के युवा पाठक गण उपस्थित रहे।