अंग्रेजी फिल्म,रेड मोनार्क का प्रदर्शन
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र द्वारा समय-समय पर पुस्तक वाचन और चर्चा, संगीत, वृत्तचित्र फिल्म, लोक परंपराओं और लोक कलाओं, इतिहास, सामाजिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित कार्यक्रम किये जाते रहते हैं।
इसी क्रम में मंगलवार, 02 अप्रैल, 2024, को अपराह्न,4:30 से 6:45 बजे तक दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में अंग्रेजी फिल्म,रेड मोनार्क का प्रदर्शन किया गया। इसका निर्देशन निर्देशन जैक गोल्ड ने किया है।
यह फिल्म स्क्रीनिंग विश्व सिनेमा में चल रही खोजों और चर्चाओं की एक श्रृंखला का हिस्सा है।
रेड मोनार्क 1983 की एक कॉमेडी ब्रिटिश टेलीविजन फिल्म है। निर्देशक जैक गोल्ड द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में कॉलिन ब्लेकली ने जोसेफ स्टालिन की भूमिका निभाई है। चार्ल्स वुड द्वारा लिखित, यह द रेड मोनार्क, सीन्स फ्रॉम द लाइफ ऑफ स्टालिन पर आधारित है, जो रॉसियन असंतुष्ट और पूर्व केजीबी एजेंट यूरी क्रोटकोव के लघु आलोचनात्मक निबंधों का एक संग्रह है।
यह फिल्म सोवियत राजनीति और स्टालिन के शासन के अंतिम वर्षों के दौरान स्टालिन और उनके लेफ्टिनेंट विशेष रूप से बेरिया के बीच के अंतरसंबंध पर एक कड़ा हास्यप्रद दृश्य दिखाती है। अंतिम दृश्य में येवगेनी येव्तुशेंको की ‘द वारिस ऑफ स्टालिन का पाठन चेतावनी देता है कि अधिनायकवाद का खतरा लगातार मौजूद है। तानाशाही और निरंकुश सत्ता की सनक और अत्याचार की हास्यास्पद जांच की जाती है। एक तानाशाह की शक्ति और एक अधिनायकवादी शासन को करीब से देखा जाता है. हाथ से ही सही, जीभ से गाल तक, क्योंकि वे व्यक्ति, समाज और देश की कठपुतली बनते हैं।
जैकब एम ‘‘जैक’’ गोल्ड (1930-2015) लंदन. बॉम के निर्देशक और निर्माता थे, जिन्होंने ज्यादातर टेलीविजन के लिए काम किया। उनका सबसे प्रसिद्ध काम द नेकेड सिविल सर्वेंट (1975) है, जो क्वेंटिन क्रिस्प की 1968 में इसी नाम की किताब पर आधारित है और इसमें जॉन हर्ट ने अभिनय किया है। उन्हें एसेस हाई (1976) द नेशनल हेल्थ (1973) और फैमिन (1967) के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने बीबीसी के टुनाइट कार्यक्रम में एक फिल्म संपादक के रूप में अपना करियर शुरू किया। गोल्ड एक स्वतंत्र वृत्तचित्र फिल्म निर्माता बन गये हैं, जो अपने सामाजिक और राजनीतिक अवलोकनों के लिए नाटकों को एक मंच के रूप में बना रहे है।
आज के फिल्म स्क्रीनिंग के संबंध में निकोलस हाॅफलैंड ने जानकारी देते हुए सभागार में उपस्थित सभी श्रोतागणों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर बिजू नेगी, सरिता भंडारी, सुंदर बिष्ट, डॉ. मनोज पंजानी,कर्नल वी. के. दुगल सहित अनेक फिल्मप्रेमी, बुद्धिजीवी राजनीतिक विचारक, लेखक, साहित्यक जगत से जुड़े लोग व युवा पाठक उपस्थित रहे।