समुद्रीय क्षेत्र में रोजगार के अवसर और संभावनाएं विषय पर पाठकों हेतु व्याख्यान
देहरादून, 12 सितम्बर, 2024।दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज प्रातःकालीन सत्र में पुस्तकालय के युवा पाठकों के लिए एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। आजीविका के एक विकल्प के रुप में इस सत्र में समुद्रीय क्षेत्र में रोजगार के अवसर और संभावनाओं विषय पर महत्वपूर्ण बात की गयी। इस व्याख्यात्मक बातचीत में अतिथि वक्ता के तौर पर समुद्री विषयों के जानकार श्री विपुल धस्माना ने गहन जानकारी साझा की और युवाओं का समुचित मार्गदर्शन किया. उन्होंने अपने व्याख्यान में समुद्रीय विषय से जुड़े विविध रोजगारों यथा जहाज/पोत निर्माण, समुद्री सुरक्षा व तटरक्षक व अन्य सैनिक,बंदरगाह, मानचित्र निर्माण कला,पर्यटन और रेस्ट्रां आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने व्याख्यान में जहाज निर्माण, उसके संचालन, व्यवस्था, समुद्री मार्गदर्शन, समुद्रीय क्षेत्र के भौगोलिक परिवेश की भी महत्वपूर्ण जानकारी दी. परस्पर संवाद स्थापित करने से युवाओं को बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला. युवा पाठकों कि इस विषय पर बहुत उत्सुकता देखने को मिली उन्होंने इस बिंदु पर अनेक सवाल भी किये.
उल्लेखनीय है कि विपुल धस्माना देहरादून, उत्तराखंड में रह रहे हैं और एक समुद्रीय मामलों के सलाहकार हैं। 1979 में वे एक आर्टिफिसर अप्रेंटिस के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल हुए और 1983 में नेवी शिप राइट स्कूल, भारतीय नौसेना से जहाज निर्माण और नौसेना वास्तुकला में विशेषज्ञता के साथ उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में चार साल का डिप्लोमा लिया । वर्ष 1990 में उन्हें भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के बीमा प्रभाग द्वारा मरीन सर्वेयर/क्षति निर्धारक का लाइसेंस प्रदान किया गया था। उन्होंने 1994 में उत्तराखंड ‘मरीन वर्क्स’ नाम से स्वयं की एक फर्म स्थापित की और समुद्री क्षेत्र में कई सरकारी और निजी परामर्श के कार्य किए।
दशकों के अनुभव के कारण उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का मुख्य अंतर्देशीय पोत सर्वेक्षक नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने जल परिवहन में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग किया। वे एडवेंचर वाटर स्पोर्ट्स के भी विशेषज्ञ हैं और राष्ट्रीय जल क्रीड़ा संस्थान भारत सरकार,के विजिटिंग फैकल्टी में टेक्नो-लीगल मरीन कन्सलटेंट के रूप में हैं।
कार्यक्रम के अंत में सामाजिक विचारक श्री बिजू नेगी ने इस व्याख्यान को युवाओं के आजीविका के विकल्प के रूप में एक उपयोगी मार्गदर्शन बताया. दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्र शेखर तिवारी ने श्री विपुल धस्माना को इस व्याख्यान के लिए आभार प्रकट किया.
इस अवसर पर दून पुस्तकालय के सुंदर सिंह बिष्ट, राकेश कुमार सहित अनेक युवा पाठक उपस्थित रहे.