किताब कौथिग आयोजन पर समीक्षात्मक बातचीत
प्रदेश के कुमाऊं क्षेत्र में व्यापक स्तर पर आयोजित किये जा रहे किताब कौथिग अब गढ़वाल मंडल के विभिन्न नगरों में आयोजित किये जायेंगे। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में किताब कौथिग अभियान को लेकर आयोजित की गई बातचीत में अभियान के संचालकों ने यह बात सामने रखी। दिसम्बर 2022 से शुरू हुए इस अभियान के तहत पहला किताब कौथिग टनकपुर में आयोजित किया गया था। इसके बाद अब तक चम्पावत, द्वाराहाट, पिथौरागढ़, बैजनाथ व भीमताल में किताब कौथिग आयोजित किए गए हैं। उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में आयोजित किये जा रहे इन पुस्तक मेलों की विशेषता यह है कि इनमें पुस्तक लोकार्पण, साहित्यिक परिचर्चा, रंगमंच कार्यशाला, स्थानीय इतिहास व पुरातत्व संबंधी संगोष्ठियां तथा इको टूरिज्म से संबंधित आयोजन होते हैं। किताब कौथिग को लेकर न सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि देश भर के साहित्यकारों में उत्साह है।
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में आयोजित समीक्षात्मक बातचीत में किताब कौथिग अभियान के संयोजक हेम पन्त ने बताया कि अब तक हुए छह किताब कौथिग में 60 प्रकाशकों की पचास हजार से अधिक पुस्तकें डिस्प्ले की गई हैं। इसके अतिरिक्त किताब कौथिग के माध्यम से स्थानीय स्कूलों और विद्यार्थियों को भी जोड़ा जा रहा है। साथ ही स्थानीय हस्तशिल्प को भी किताब कौथिग के माध्यम से सामने लाया जा रहा है। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि निकट भविष्य में देहरादून व गढ़वाल के अन्य क्षेत्रों में किताब कौथिग आयोजित किये जायेंगे।इस महत्वपूर्ण परिचर्चा में प्रो.बी.के.जोशी, हेम पन्त, दीप पन्त, यू.के.एस.एस.एस.सी के परिक्षा नियंत्रक हिमांशु कफल्टिया, कमला पंत, चन्द्रशेखर तिवारी, योगेश धसमाना, नन्द किशोर हटवाल,त्रिलोचन भट्ट, देवेश जोशी, आदि मौजूद थे।