कस्तूरबा गांधी व कुमार गंधर्व जयंती पर गांधी दास्तान व कबीर गायन का कार्यक्रम।

कस्तूरबा गांधी व कुमार गंधर्व जयंती पर गांधी दास्तान व कबीर गायन का कार्यक्रम।

आज इतवार 9 अप्रैल 2023 को, कस्तूरबा गांधी (11 अप्रैल) और कुमार गंधर्व (8 अप्रैल) को संयुक्त तौर पर याद करते हुए हिन्द स्वराज मंच तथा दून लाईब्रेरी एन्ड रिसर्च सेंटर ने ‘‘गांधी दास्तान व कबीर गायन’’ का आयोजन किया। यह दिवस कुमार गंधर्व की शताब्दी की भी शुरूआत है।

हिन्द स्वराज मंच की डॉ. रेणु शुक्ल ने कस्तूरबा के जीवन की कुछ घटनाओं को याद करते हुए रेखांकित किया कि कस्तूरबा का एक अद्भुत व्यक्तित्व था जो उन्हे व्यक्तिगत तौर स्वतंत्र होते हुए उन्हे गांधीजी की सही अर्थों में सहचरणी बनाता है। मंच के ही बिजू नेगी ने गांधी, कबीर व कुमार गंधर्व पर बात रखी कि किस तरह वे परस्पर जुड़े हैं, किसी तरह कुमार गंधर्व, कबीर और गांधी की ओर आए और किस तरह उन्होने कबीर-गांधी की एक नयी व्याख्या व नया आयाम दिया।

इस अवसर पर दो कलाकार थे – कबीर गायक वेदांत भारद्वाज व किस्सागो या दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी।

चेन्नई निवासी, वेदांत भारद्वाज गायक व संगीतकार हैं जो ज्यादाकर भक्ति व सूफी परम्पराओं के संत कवियों को गाना पंसद करते हैं और उन्होने देश-विदेश में प्रस्तुतियां दी हैं और रंगमंच व डाॅक्यूमैन्टरी फिल्मों के लिए भी संगीत दिया है और वे अपने यहां आर्थिक दृष्टि से कमजोर बच्चों के साथ भी काम करते हैं।

लखनऊ के हिमांशु बाजपेयी की गिनती देष के चुनिंदा दास्तानगों में होती है। भूतपूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने उन्हे सम्मानित किया है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात में उनका जिक्र किया है। हिमांषु देश -विदेश में 300 से ज्यादा दास्तानगोई कार्यक्रम कर चुके हैं। आप लेखक-कवि भी हैं और आपकी किताब ‘‘किस्सा-किस्सा लखनऊवा’’, को ‘‘साहित्य अकादमी युवा पुरुस्कार 2001’’ मिला और वह बेस्ट सेलर बुक रही है।

कार्यक्रम में दोनों ने ‘‘दास्तान गांधी अभय की’’ व कबीर की कई रचनाओं का गायन किया।  कार्यक्रम का संचालन हिन्द स्वराज्य मंच के श्री पूरन बर्त्वाल ने किया। इस अवसर पर पर्यावरण विद  डॉ.रवि चोपड़ा, पूर्व सचिव विभापुरी दास, कमला पन्त, बसन्ती मठपाल, दून पुस्तकालय के चन्द्रशेखर तिवारी, जगदीश सिंह महर, सुंदर बिष्ट, जगदीश बाबला, जनकवि डॉ.अतुल शर्मा, विभूति भूषण भट्ट, अनिल भारती सहित शहर के अनेक बुद्धिजीवी, लेखक, चिंतक व युवा पाठक उपस्थित थे।