प्रायमरी सोर्सेज ऑफ़ हिस्ट्री पुस्तक का लोकार्पण
देहरादून, 23 अक्टूबर, 2024.दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज सांय डॉ. मनोज पंजानी द्वारा लिखित पुस्तक प्रायमरी सोर्सेज ऑफ़ हिस्ट्री इन लाइब्रेरी ऑफ़ देहरादून का लोकार्पण किया गया. लोकार्पण के बाद इस पुस्तक पर एक चर्चा का भी आयोजन किया गया. लोकार्पण सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ,लेखक, चित्रकार और संगीतज्ञ श्री आलोक बी लाल और पत्रकार व शोधकर्ता प्रेरणा रतूड़ी द्वारा किया गया. यह दोनों चर्चा में शामिल रहे. डॉ. मनोज पंजानी ने अपनी इस पुस्तक पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि यह पुस्तक इतिहास अध्ययन व शोध करने वालों के लिए उपयोगी रहेगी.
कार्यक्रम में श्री आलोक बी लाल और प्रेरणा रतूड़ी द्वारा प्रायमरी सोर्सेज ऑफ़ हिस्ट्री इन लाइब्रेरी ऑफ़ देहरादून पुस्तक के विविध पहलुवों पर गहराई से चर्चा करके उसके महत्वपूर्ण बिंदुओं को सभागार में उपस्थित श्रोताओं के सम्मुख रखा.
उल्लेखनीय है कि प्रायमरी सोर्सेज ऑफ़ हिस्ट्री पुस्तक में पुस्तकालयों में उपलब्ध इतिहास के प्राथमिक स्रोतों पर व्यापक जानकारी दी गयी है.इस पुस्तक की भूमिका दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सलाहकार व अध्यक्ष प्रोफे.बी. के. जोशी द्वारा लिखी गई है । इस पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य देहरादून में रहने वाले शोधकर्ताओं के लिए देहरादून में शोध कार्यक्रम को आसान बनाना है। इस पुस्तक में 700 से अधिक पुस्तकों को सूचीबद्ध किया गया है जिन्हें इतिहास के प्राथमिक स्रोतों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। पुस्तक में तीन पुस्तकालयों का व्यापक सर्वेक्षण किया गया है। जो इस तरह हैं – दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र,एम. के. पी. पी. जी. कॉलेज और सर्वे ऑफ इंडिया की लाइब्रेरी।
भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद जैसी संस्थाओं ने भी शोधकर्ताओं की सुविधा के लिए इस तरह के कई दस्तावेजों को पुस्तक के रूप में संकलित किया है। राष्ट्रीय अभिलेखागार ने भी इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर कुछ महत्वपूर्ण पुरानी पुस्तकों का पुनर्मुद्रण किया है।
कार्यक्रम के दौरान हिमांशु आहूजा, देवेंद्र काण्डपाल, कुसुम रावत, एलेन सेली, सुन्दर सिंह बिष्ट, मीनाक्षी कुकरेती भारद्वाज के अलावा लेखक, इतिहासकार, संस्कृति कर्मी, साहित्यकार व युवा पाठक उपस्थित रहे.