प्रथम पुण्य तिथि पर सुरजीत किशोर दास को किया गया याद
देहरादून, 28 सितम्बर2024। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज सायं दून पुस्तकालय के संस्थापक संरक्षक और पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन,सुरजीत किशोर दास की प्रथम पुण्य तिथि पर उन्हें भावपूर्ण सम्मान के साथ याद किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने उन्हें एक कुशल व प्रतिबद्ध प्रशासनिक अधिकारी बताते हुए उन्हें साहित्य,इतिहास कला,गीत,संगीत और खेल विषयों में गहन जानकारी रखने वाला एक संवेदनशील व्यक्ति की संज्ञा देकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उनकी याद में में रवींद्र संगीत के स्वरों की एक प्रस्तुति की गई। इस संगीत में स्वर व हारमोनियम में दिया गया साथ सुनील मुखर्जी का था जबकि तबले पर बेहतरीन संगत युवा कलाकार सैकत मण्डल ने की। इस अवसर पर ‘रिमम्बरिंग सुरजीत‘ (यादों में सुरजीत) नामक पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से प्रकाशित इस पुस्तक में सुरजीत किशोर दास पर उनकी स्मृतियों से जुड़े प्रबुद्ध जनों के 21 आलेख शामिल किये गये हैं। इस स्मृति ग्रन्थ का सम्पादन गांधीवादी विचारक बिजू नेगी ने किया है।
कार्यक्रम के आरम्भ में अपने स्वागत सम्बोधन में दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के निदेशक एन. रवि शंकर ने कहा कि श्री सुरजीत कुमार दास सिविल सेवक, विद्वान, क्रिकेट प्रेमी, संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही मानवतावादी प्रकृति के बहुमुखी व्यक्ति थे। एक सिविल सेवक के रूप में उन्होनें सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में सुशासन के सिद्धांतों का पालन करने पर जोर दिया था। इस ढांचे के भीतर, उन्होंने सांस्कृतिक गतिविधियों, विद्वानों की गतिविधियों को खूब बढ़ावा दिया, पुस्तकालयों के विकास और सामान्य रूप से खेल गतिविधियों पर भी उन्होनें खूब जोर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि दून में कई संस्थानों की स्थापना में भी उनका अथक प्रयास रहा। सीएसआई, दून पुस्तकालय का नये परिसर, दून जिला अस्पताल के दून मेडिकल कॉलेज में उन्नयन में उनकी बड़ी भूमिका रही। उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी उनसे मिला वह उनके मानवतावादी मूल्यों से प्रभावित हुए बिना नहीं रहा। सुरजीत दास हमारे पीछे उपलब्धियों की एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं।
इस दौरान सुरजीत दास द्वारा लिखी उनकी कुछ प्रिय कविताओं का पाठ भी किया गया। निकोलस हॉफलैण्ड, इरा चौहान व बिजू नेगी ने इन कविताओं का सस्वर वाचन किया। कार्यक्रम के अन्त में सुरजीत किशोर दास जी की पु़त्री निवेदिता मिश्रा और उनकी पत्नी तथा पूर्व प्रमुख सचिव,उत्तराखण्ड शासन श्रीमती विभापुरी दास ने सभागार में उपस्थित जनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर सभागार में इन्दुकुमार पाण्डे,डॉ. इंदु सिंह,एन.एस नपलच्याल, कर्नल एस.एस रौतेला, चन्द्रशेखर तिवारी, कर्नल वी के दुग्गल, अभि नन्दा, विनीता शाह, डॉ.योगेश धस्माना, अम्मार नक़वी, एस फारुख, एलेन सीली, देवेंद्र कांडपाल,अरविंद कृष्ण मेहरोत्रा, अनिल नौरिया, विजय शुक्ला,कुसुम रावत,शैलेन्द्र कुमार, मधु डंगवाल,जगदीश कांडपाल, सुमन भारद्वाज, जय भगवान गोयल, रेणुका वेदपाठी,के बी नैथानी, रॉबिन कर्माकर, सुंदर सिंह बिष्ट, जगदीश सिंह महर सहित, अनेक लेखक, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्विजीवी, पुस्तकालय के सदस्य तथा बड़ी संख्या में युवा पाठक उपस्थित रहे।