जन केंद्रित और स्थानीय संसाधनों पर आधारित विकास से पर्वतीय क्षेत्र बन सकता है समृद्ध -प्रोफे.जोशी

जन केंद्रित और स्थानीय संसाधनों पर आधारित विकास से पर्वतीय क्षेत्र बन सकता है समृद्ध -प्रोफे.जोशी

जन केंद्रित और स्थानीय संसाधनों पर आधारित विकास से पर्वतीय क्षेत्र बन सकता है समृद्ध -प्रोफे.जोशी

सतत विकास मंच उत्तरांचल (एसडीएफयू) हिमोत्थान सोसाइटी के तत्वाधान में दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर, और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने छठे आर एस टोलिया फोरम 2023 का आयोजन किया। विषय था “ग्रामीण उत्तराखंड में अभिनव आजीविका: सर्वोत्तम प्रथाएं और आगे की राह”। प्रोफे.बीके जोशी संस्थापक निदेशक व वर्तमान सलाहकार, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च)द्वारा महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया गया ।प्रोफे. जोशी  पूर्व  कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय और काउंसिलर एसडीएफयू हैं। उनके व्याख्यान के मुख्य बिंदु ये थे : – पर्वतीय क्षेत्रों के जिलों के साथ-साथ विकास में भी काफी अंतर है मैदानी क्षेत्र. उन्होंने कहा कि हमें जन केंद्रित विकास और स्थानीय संसाधनों पर आधारित देखना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। किसी भी प्रकार के विकास के लिए हिमालय को ध्यान में रखना होगा।

श्री आनंद स्वरूप द्वारा महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन   द्वारा महिलाओं के जीवन स्तर में  वृद्धि लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में ग्रामीण विकास. ‘डिजिटल सखी’ और ‘पशु सखी’ जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।. उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड के उत्पादों को कॉमन ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालय’  के तहत बेचा जाएगा।उपरोक्त कार्यशाला होटल इंदरलोक, देहरादून में आयोजित की गई ।   इसमें राज्य सरकार के अधिकारी, नागरिक समाज के व्यवसायी और सदस्य ग्रामीण समुदाय शामिल रहे। कार्यशाला का उद्देश्य हितधारकों के बीच चर्चा के लिए संवाद को सुविधाजनक बनाना है

ग्रामीण नवोन्वेषी आजीविका पर सर्वोत्तम अभ्यास, ग्रामीण क्षेत्र में पिछले दो दशकों का मापन आजीविका और उत्तराखंड की पुनर्कल्पना, इसकी चुनौतियाँ और आगे का रास्ता। कार्यशाला  चार समानांतर सत्रों में  उत्तराखंड में सामुदायिक भागीदारी के साथ विभाजित थी। कार्यशाला में श्री आनंद स्वरूप , श्री पंकज नैथानी,  डॉ. मालविका चौहान, अजय जोशी, डॉ. कमल सिंह, श्री एनएस नपलच्याल (पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखंड, डॉ. एन रविशंकर (पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखंड), कु. विभा पुरी दास (पूर्व सचिव)भारत सरकार), डॉ. जीएस रावत (पूर्व डीन,डब्ल्यूआईआई और उपाध्यक्ष एसडीएफयू), सुश्री बिनीता शाह, सुश्री ऋचा घनसियाल, श्री अनूप नौटियाल, डाॅ. राजेंद्र कोश्यारी (हिमोत्थान सोसायटी), जेआईसीए परियोजना, हिमोत्थान सोसाइटी, श्रमयोग, दून लाइब्रेरी एन्ड रिसर्च सेंटर, टेरी, बिजू नेगी, डॉ.योगेश धस्माना, चंद्रशेखर तिवारी और कई समितियों से जुड़े कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। संचालन विनीता शाह ने किया।