सामाजिक न्याय से निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा मिलता है
देहरादून, 31 अगस्त, 2024। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से भारतीय संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर आज अपराह्न 4ः30 बजे भारतीय संविधान के कुल दस एपिसोड की श्रंखला के पांचवे एपिसोड का प्रदर्शन सभागार में उपस्थित लोगों के मध्य किया गया। ज्ञातव्य है कि इस संविधान धारावाहिक का निर्देशन सुपरिचित फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल द्वारा किया गया है।
सामाजिक न्याय समाज के विविध पहलुओं में निष्पक्षता और समानता पर और महिलाओं के सन्दर्भ में अपनी बात रखते हुए वक्ता के तौर पर महिला अधिकार कार्यकर्ता दीपा कौशलम ने कहा कि सामाजिक न्याय, समाज के कई पहलुओं में निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा देता है। उदाहरण के लिए, यह समान आर्थिक, शैक्षिक और कार्यस्थल के अवसरों को बढ़ावा देता है। यह व्यक्तियों और समुदायों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होनें आगे कहा कि लंदन में मानसिक स्वास्थ्य और सांस्कृतिक विविधता के एमेरिटस प्रोफेसर दिनेश भुगरा कहते हैं सामाजिक न्याय का उद्देश्य एक ऐसे समाज को बढ़ावा देना है जो न्यायपूर्ण और समतामूलक हो, जिसमें विविधता को महत्व दिया जाए, अपने सभी सदस्यों को उनकी विकलांगता, जातीयता, लिंग, आयु, लैंगिक रुझान या धर्म के बावजूद समान अवसर प्रदान किए जाएं तथा उनके मानवाधिकारों के लिए संसाधनों और समर्थन का उचित आवंटन सुनिश्चित किया जाए। दीपा कौशलम ने जोर देकर कहा कि संसाधनों का पुनर्वितरण, हाशिये पर पड़े समूहों की मान्यता और साथ में व्यक्तियों और समूहों की भागीदारी सामाजिक न्याय के मुख्य तीन आयाम हैं।
जन संवाद समिति के प्रमुख सतीश धौलाखंडी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आगे भी संविधान पर आधारित हर माह दो एपिसोड इसी तरह सिलसिले वार प्रस्तुत किये जा रहे हैं और यह सामान्य जनों के लिए ज्ञानवर्धक व महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में आजादी व संवैधानिक मूल्यों पर जागरूकता लाने हेतु जनगीतो का गायन भी किया गया। पहला जनगीत ’देश मे गर बेटियाँ मायूस हैं नाशाद हैं’ कमला भसीन का दूसरा ’औरतें उठी नहीं तो जुल्म बढता जायेगा’ कमला भसीन का व तीसरा ’ढाई आखर प्रेम का पढने और पढाने आये हैं’ ओम प्रकाश नदीम का लिखा था। इसका गायन सतीश धौलाखंडी और कोरस गायन में साथ धीरज रावत, अनिता नौटियाल, विनीता रितुनजया ,अमित बहुखंडी,सैयद ईखतेदार, गायत्री टम्टा और वी. के. ने दिया।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम का संचालन इप्टा के उत्तराखण्ड अध्यक्ष डॉ. वी. के. डोभाल ने किया।
इस अवसर पर पूर्व प्रमुख सचिव,उत्तराखंड शासन, विभापुरी दास, हरिओम पाली,सुंदर बिष्ट, मेघा विल्सन, मनोज कुमार,हर्षमनी भट्ट, राकेश कुमार,अवतार सिंह,सुरेंद्र सजवाण, जगदीश बाबला, कुलभूषण नैथानी, सहित शहर के अनेक रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, सहित दून पुस्तकालय के कुछ युवा पाठक उपस्थित रहे।