
दून पुस्तकालय में आयोजित डूडल कार्यशाला में बच्चों ने लिया खूब आनन्द
देहरादून 25 जनवरी 2025। आज शाम दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में आयोजित डूडल आर्ट कार्यशाला एक जीवंत और प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें देहरादून के कई बालकों ने भाग यह कार्यशाला महज़ एक सभा नहीं अपितु रचनात्मकता, कल्पना और लोगों को जोड़ने की कला की शक्ति का उत्सव था। प्रसिद्ध डूडल कलाकार दीपाक्षी गुसाईं, ज़ोहरा निज़ामी और कल्पना बहुगुणा ने कार्यशाला का नेतृत्व किया, और अपनी अनूठी डूडलिंग तकनीक और कलात्मक प्रतिभा से प्रतिभागियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनमें से प्रत्येक कलाकार अपनी विशिष्ट शैली और दृष्टिकोण लेकर आए, जिससे अनुभव समृद्ध और विविध हो गया।
ओएसिस स्कूल, कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी, सेंट थॉमस और हिमज्योति स्कूल सहित विभिन्न स्थानीय स्कूलों के छात्रों ने अपनी रचनात्मक क्षमता को उजागर करने के लिए उत्सुकता के साथ कार्यशाला में भाग लिया। जैसे ही बच्चे एकत्र हुए, माहौल उत्साह से भर गया, उनकी आँखें इस बात की प्रत्याशा से चमक उठीं कि वे क्या सीखने वाले हैं। कार्यशाला को न केवल डूडलिंग तकनीक सिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, बल्कि प्रतिभागियों को अपनी आंतरिक रचनात्मकता का दोहन करने और कला के माध्यम से खुद को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया था।
पूरे आयोजन के दौरान, कलाकारों ने व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान किया, युक्तियाँ और तरकीबें साझा कीं, जिससे युवा उपस्थित लोगों को विभिन्न शैलियों और माध्यमों के साथ प्रयोग करने की अनुमति मिली। जटिल पैटर्न से लेकर चंचल रेखाचित्रों तक, प्रतिभागियों को अपने विचारों का पता लगाने और कलात्मक जोखिम लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कार्यशाला ने इन बच्चों को न केवल नए कौशल सीखने बल्कि अपनी कलाकृति के माध्यम से अपनी कल्पना को व्यक्त करने के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान किया।
इस आयोजन ने युवा कलाकारों के बीच समुदाय की भावना को भी बढ़ावा दिया। जैसे-जैसे उन्होंने अपनी रचनाएँ साझा कीं और परियोजनाओं पर सहयोग किया, मित्रताएँ बढ़ीं और रचनात्मक बंधन बने। पुस्तकालय ने रचनात्मकता और कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए एक पोषणकारी वातावरण के रूप में कार्य किया।
बाल अनुभाग की प्रभारी मेघा ने कहा कि इस कार्यशाला ने कला के प्रति बच्चों में जुनून जगाया जो घर लौटने के बाद भी युवा कलाकारों के दिल और दिमाग में बना रहेगा। इस तरह के आयोजन समुदाय में कला और रचनात्मकता के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।