
गुठलीदार फलों के मिशन से बदल सकती है उत्तराखंड में बागवानी की तक़दीर -विजय जड़धारी
देहरादून, 31 मई, 2025. दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में आज प्रातःकालीन सत्र के दौरान गुठलीदार फलों जैसे आड़ू प्लम और खुमानी की बागवानी को प्रोत्साहित करने के लिए धाद संस्था व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से एक विमर्श व संवाद का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने इन फलों की खेती की संभावनाओं और इससे किसानों की आर्थिकी को मिलने वाले लाभों पर विस्तार से चर्चा की गयी । धाद की ओर से प्रदेश में स्टोन फ्रूट मिशन चलाने पर जोर दिया गया। आम जीवन में इन फलों की कितनी आवश्यकता है और इनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया ।इन गुठली युक्त फलों का काश्तकारों के द्वारा उत्पादन , सरकार का सहयोग , और बाजार की मांग और पूर्ति पर विशेषज्ञों द्वारा जानकारी ड़ी गयी । वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में इनकी बागवानी से एक उत्तम भविष्य की कल्पना कर सकते है ।
विशेषज्ञों के साथ पूर्व प्रमुख सचिव श्रीमती विभा पुरी दास ने वन पंचायतों की आवश्यकता पर बल दिया ।खुले सेशन में श्रोताओं ने अनेक प्रश्न उठाए ।जिनका निराकरण उपस्थित विशेषज्ञों ने किया । उत्तराखंड में बागवानी के क्षेत्र की चुनौतियों और उनके समाधान पर भी प्रकाश डाला गया.
पुस्तकालय सभागार में आयोजित इस विमर्श कार्यक्रम में बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी ने कहा कि उत्तराखंड की जलवायु गुठलीदार फलों के लिए बेहद रूप से उपयुक्त है और पारंपरिक बीजों के संरक्षण के साथ जैविक खेती को अपनाना जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गुठलीदार फलों के मिशन से उत्तराखंड की बागवानी की तक़दीर बदल सकती है.
कृषक संगठन के अध्यक्ष बीरभान सिंह ने बताया कि हिमालयी क्षेत्र ख़ासकर हिमांचल व उत्तराखण्ड में 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इन फलों का अच्छा उत्पादन हो सकता है। यदि स्थानीय बाजार विकसित हो जाएं तो किसानों को बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
युवा बागवान पवन बिष्ट ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मज़बूत इच्छा शक्ति व जूनून के चलते पहाड़ो मे बागवानी ख़ासकर गुठलीदार फलों के विकास की बहुत सी सम्भावनाएं मौजूद हैं. किसानों को यदि प्रोत्साहन, विपणन व बाजार की उपलब्धता मिल जाय तो बहुत सुविधा हो जायेगी.
धाद संस्था के सचिव तन्मय ने आडू, प्लम, खुमानी का महीना अभियान के तहत समाज, किसान और बाजार के बीच संवाद की आवश्यकता बताई। धाद संस्था द्वारा बच्चों को जागरूक करने के लिए चलाए जा रहे बीज बचाओ अभियान की जानकारी भी लोगों को दी गयी
धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी ने स्थानीय फलों की ब्रांडिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सरकार यदि इस दिशा में सहयोग दे तो उत्तराखंड फल उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बन सकता है। कार्यक्रम में जैविक व प्राकृतिक खेती पर आधारित दिनेश सेमवाल द्वारा तैयार सीढ़ी पोस्टर का लोकार्पण भी किया गया।
वक्ताओं के वक्तव्य के बाद लोगों ने संबंधित विषय पर अनेक सवाल जबाब भी किये.
कार्यक्रम का संचालन धाद के हिमांशु आहूजा ने किया. इस अवसर पर पूर्व प्रमुख सचिव उत्तराखंड विभापुरी दास, शैलेन्द्र नौटियाल, बिजू नेगी, चंद्रशेखर तिवारी, गणेश चंद्र उनियाल, प्रेम बहुखंडी, राजू गुसाईं, सुंदर सिंह बिष्ट, राकेश कुमार, अवतार सिंह, हिमांशु कुमार सहित बाग़वानी व खेती से जुड़ी संस्थाएं , रूचिवान व्यक्ति, गैर सरकारी संगठन, सामाजिक कार्यकर्त्तासहित अन्य कई लोग उपस्थित रहे. इस दौरान लोगों ने स्टाल से जैविक गुठलीदार फलों जैसे आड़ू, खुबानी व प्लम की खरीददारी भी की.