गढ़वाली पत्रिका ‘चिट्ठी-पत्री’ – 2023  का लोकार्पण

गढ़वाली पत्रिका ‘चिट्ठी-पत्री’ – 2023  का लोकार्पण

देहरादून, 8 अक्टूबर,2023 को गढ़वाली बोली की पत्रिका ‘चिट्ठी-पत्री’ 2023  का लोकार्पण  दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में किया गया। इस अवसर पर चिट्ठी पत्री संस्था द्वारा उतराखण्ड के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नन्दकिशोर ढौंडियाल ‘अरुण’ को  ‘चिट्ठी’ सम्मान से नवाजा गया।  चिट्ठी-पत्री के नवीन अंक के लोकार्पण  के बाद एक गढ़वाली कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में  गायक गढरत्न नरेन्द्र सिंह नेगी व अन्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन की शुरुआत की। चिट्ठी-पत्री के प्रधान सम्पादक मदन डुकलाण ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया गया। इसके बाद हिन्दी व गढवाली के   सृजनकर  डॉ.नन्दकिशोर ढौंडियाल ‘अरुण’ को चिट्ठी सम्मान 2023 प्रदान   किया गया। इस मौके पर डॉ. ढौंडियाल ने  कहा कि गढ़वाली भाषा एक समृद्ध भाषा  रही है जिसमें किसी भी धातु पर प्रत्यय लगाकर नया शब्द बनाया जा सकता है । डॉ. ढौंडियाल के सम्मान के बाद चिट्ठी-पत्री 2023 जो उत्तराखण्ड का साहित्य, संवाद और सृजन का दस्तावेज  है उसका लोकार्पण किया गया। इस अंक का परिचय देते हुये चिट्ठी-पत्री के उप सम्पादक आशीष सुन्दरियाल ने कहा कि इस अंक में वर्तमान मे जितने भी विधाओं लेख, कथा, कविता, गीत, गजल, व्यंग्य व यात्रा संस्मरण आदि मे गढ़वाली में लिखा जा रहा है सभी को समाहित करने का प्रयास किया गया है।

लोकार्पण के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें गढ़वाली के लब्ध प्रतिष्ठित कवियों ने अपने कविताओं का पाठ किया। इसमें दिल्ली से आये कवि दिनेश ध्यानी, रमेश घिल्डियाल के साथ पौड़ी से हास्य कवि हरीश जुयाल ‘कुटज’ एवं गणेश खुगशाल ‘गणी’ व देहरादून से बीना बेंजवाल,भगवती सुन्दरियाल व ओम बधाणी ने अपनी-अपनी गढ़वाली रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन धर्मेन्द्र नेगी  व कवि सम्मेलन का संचालन गणेश खुगशाल ‘गणी’ ने किया।

कार्यक्रम में अनेक समाज सेवी, बुद्धिजीवी, साहित्यकार व पत्रकार उपस्थित रहे। जिसमें उपजिलाधिकारी शैलेन्द्र नेगी, नीरज पंत, कवीन्द्र इष्टवाल, विजय मधुर, गिरीश सुन्दरियाल, जयपाल सिंह रावत, रमाकांत बेंजवाल, रमेश बडोला, अखिलेश अंथवाल, कीर्ति नवानी व ललित मोहन लखेडा, चन्द्र शेखर तिवारी, अंबुज शर्मा, देवेन्द्र जोशी, सुवर्ण रावत, सुरक्षा रावत, जनार्दन बुड़ाकोटि, कान्ता घिल्डियाल, रमेन्द्र कोटनाला, कुलानंद घनशाला, जगमोहन सिंह रावत, जयपाल सिंह रावत ‘छिपुड़ ‘दादा’ आदि प्रमुख थे। कार्यक्रम के आयोजन में  दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र ने सहयोग दिया।