काव्य संग्रह ‘अनन्त आकाश’ का लोकार्पण

काव्य संग्रह ‘अनन्त आकाश’ का लोकार्पण

काव्य संग्रह ‘अनन्त आकाश’ का लोकार्पण

दून पुस्तकालय एवं शोध केंद तथा हिमालय पर्यावरण सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में वरिष्ठ कवि डॉ. लक्ष्मी कान्त त्रिपाठी ‘विमल’ के नवीनतम काव्य संग्रह ‘अनंत आकाश’ लोकार्पण किया गया।

दून पुस्तकालय सभागार में आयोजित लोकार्पण समारोह लखनऊ से पधारे मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, स्तम्भकार कलाकुंज के सम्पादक पदम् कान्त शर्मा, ख्याति प्राप्त चित्रकार ज्ञानेन्द्र कुमार, नवगीत के सशक्त हस्ताक्षर असीम शुक्ल, विशिष्ट अतिथि पर्यावरणविद एवं उत्तराखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश बाबला, एडवोकेट वर्तिका त्रिपाठी, एडवोकेट गौरव त्रिपाठी एवं दून पुस्तकालय के चन्द्रशेखर तिवारी, जे .बी.गोयल द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पदमकान्त शर्मा ने कहा कि डा. त्रिपाठी ने अलग-अलग विषयों पर लम्बी-लम्बी रचनाएं प्रस्तुत कर अपने साहित्यिक ज्ञान एवं साहित्य शब्दों में अपनी गहरी पकड़ का आभास कराया है। उनकी रचनाएं पाठकों को जीवन में मार्गदर्शक का कार्य करेगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ज्ञानेन्द्र कुमार ने कहा कि डा. त्रिपाठी आज के युग में अति सरल एवं कीर्ति रचना के धर्मी हैं जैसा कि उनकी रचनाओं को पढ़ने से उनकी समाज के प्रति सकारात्मक छवि परिक्षित होती है।

विशिष्ट अतिथि असीम शुक्ल कहा कि डॉ. त्रिपाठी द्वारा लम्बी- लम्बी रचनाओं का सृजन उनकी साहित्य में पैनी पकड़ को परिलक्षित करता है। उत्तराखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश बाबला ने डॉ० त्रिपाठी का समाज का सच्चा एवं खरा हितैषी कहकर सम्बोधित किया और कहा कि उनकी रचनाएं समाज का मार्गदर्शन करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने डॉ० त्रिपाठी के पास शब्दों का असीम भण्डार होने की भी बात कही।

 जगदीश बाबला ने कहा कि हिमालय पर्यावरण सोसायटी की ओर से दून पुस्तकालय के पूर्व निदेशक एवं  वर्तमान में सलाहकार डॉ. बी. के. जोशी जी अस्वस्थता के कारण उपस्थित नही हो पाये इसलिए  उन्हें उत्तराखण्ड साहित्य सम्मान उनके आवास पर दिया जाएगा ।

 

कार्यक्रम में डॉ. डी. एन. भटकोटी, जी.एस. पाण्डे, ए. पी. सक्सैना, इकबाल आजर, रईस अहमद फिगार, राजेश डोभाल, बसन्ती मठपाल, श्यामल कान्त बासु, रजनीश त्रिवेदी, मन मोहन लखेड़ा, अलका तिवारी, आशीष तिवारी, अनिल अग्रवाल, डॉ. इन्दु अग्रवाल, डॉ. झरना माथुर, के. डी. शर्मा, एडवोकेट इरीना चन्द एडवोकेट, अनीता राणा एडवोकेट आदि अनेक साहित्यकार व अधिवक्तागण मौजूद रहे। धन्यवाद दून पुस्तकालय के लाइब्रेरियन जे. बी. गोयल ने दिया।